जिला ब्यूरो राहुल गुप्ता दमोहद
दमोह- शारदीय नवरात्रि में श्रद्धालु माता शक्ति की भक्ति में लीन हो गए। नवरात्र शुरू होने के बाद श्रद्धालु वैदिक मंत्रोच्चार के बीच कलश स्थापित कर शक्ति की अधिष्ठात्री देवी मां दुर्गा की आरधना शुरू हो गई। घंटे- घड़ियाल बज उठे । घर-घर शंखनाद होने लगा। घंटे घड़ियाल बज उठे। घर-घर शंखनाद होने लगा। पूजा-पाठ की वजह से पूरा क्षेत्र भक्तिमय नजर आने लगा। जगह- जगह दुर्गा सप्तशती के श्लोक गूंज रहे हैं। धूप-अगरबत्ती की सुगंध भी मिल रही है। पूर्व महा विद्यालय अध्यक्ष एनएसयूआई ब्लॉक अध्यक्ष प्रवीण राय ने कहा कि इस दौरान ग्राम कोरता पिपरिया में पिछले 40 वर्षों से दुर्गा जी स्थापित की जाती है और आसपास का पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो गया। इस दौरान माता भगवती के जयकारों से वातावरण गूंज उठा। चारों ओर जय माता दी और देवी दुर्गा के जयकारे लग रहे थे। आचार संहिता की गाइड लाइन की वजह से बीते वर्षों की तुलना में धार्मिक आयोजन रात्रि जागरण
मध्य रात्रि तक हो रहे धार्मिक आयोजन शाम 6 बजे से शुरू होकर रात्रि 11 बजे तक ही चल रहे है पण्डित सचेंद्र मिश्रा ने कहा की जब संसार में चारों ओर अंधियारा छाया था, तब मां कूष्मांडा ने ही अपनी मधुर मुस्कान से ब्रह्मांड की रचना की थी. इन्हें सौरमंडल की अधिष्ठात्री देवी
मानी जाता है. मान्यता है कि नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा करने वालों को रोग और दोषों से मुक्ति मिलती है. कहते हैं मां कूष्मांडा जिस पर प्रसन्न हो जाएं उसे अष्ट सिद्धियां और निधियां प्राप्त हो जाती है.. चौथे दिन मां कुष्मांडा को माला पुए का भोग अति प्रिय है।